तुम को पा लेने की चाहत है दिल में
पा कर तन्हा रहने का खौफ भी है
तुम को देख के जिंदगी जीना मंजूर है
बिन तेरे दीद के जिंदगी मौत सी है
हर मंजर पर नजर है हमारी तेरे जाने के बाद से
क्या मौज्जा है कि तू बस मेरे ख्वाओ में ही लौटती है
अब तो संग दिल हो चुके है हम तुम्हारी तरह
अब मैं किसी और का हु, और तू भी किसी और की है।
राहुल कुमार